मुंबई, 10 अगस्त। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने कहा है कि यह अकादमी भारत के विविधतापूर्ण लोक साहित्य, कला एवं संस्कृति के सम्वर्द्धन के लिए सदैव प्रतिबद्ध रही है और भविष्य में भी इस दिशा में अकादमी के हरसम्भव प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।
गजानन महतपुरकर ने आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि डॉ. दुबे ने शुक्रवार की शाम मुंबई के के. सी. कॉलेज के सभागार में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी और मुंबई की प्रमुख सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था “अभियान” के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कजरी लोक महोत्सव के अवसर पर सम्बोधित करते हुए ये विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि लोक साहित्य, लोक कलाऍं और सांस्कृतिक परम्पराऍं हमारे जीवन को सकारात्मक एवं सार्थक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं और हमारे समाज एवं राष्ट्रीय एकता को समृद्ध एवं सशक्त बनाती हैं। डॉ. दुबे ने कहा कि किसी भी समाज के इतिहास और संस्कृति को समझने के लिए लोक साहित्य का अध्ययन आवश्यक होता है और लोक साहित्य की एक सशक्त विधा है लोकगीत। वर्षा ऋतु के आने पर लोगों के मन में जिस नये उल्लास एवं उमंग का संचार होता है, उसी भाव की अभिव्यक्ति करती है कजरी।
उन्होंने कहा कि लोक गौरव को सम्मानित करने के लिए लोक संगीत से बेहतर कोई दूसरी विधा नहीं हो सकती। इस अवसर पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर मुख्य अतिथि के रूप में और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राज पुरोहित एवं एस एन डी टी महिला विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ. उज्ज्वला चक्रदेव विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। अन्य गणमान्य अतिथियों में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्षा डॉ. मंजू लोढ़ा, पूर्व आयकर आयुक्त डॉ. कमलाकर मिश्र, अकादमी के कार्यकारी सदस्य आनंद प्रकाश सिंह, गजानन महतपुरकर, मार्कंडेय त्रिपाठी, कमला बड़ोनी और श्रीमती प्रमिला शर्मा का स्वागत सत्कार अभियान संस्था की ओर से संस्थापक अमरजीत मिश्र ने अंग वस्त्रम एवं पुस्तक भेंट कर किया।
अभियान के संस्थापक ने कहा कि उनकी संस्था पिछले तेरह वर्षों से कजरी महोत्सव का आयोजन करती रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोक विधा के माध्यम से अपनी संस्कृति को गौरवान्वित करने के साथ ही उसे संरक्षित करना भी है। इस अवसर पर अभियान संस्था की ओर से एस एन डी टी महिला विश्वविद्यालय की कुलगुरू डॉ. श्रीमती उज्ज्वला चक्रदेव और “मेक अर्थ ग्रीन अगेन” फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ. अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को शाॅल, पुस्तक और स्मृति चिह्न देकर प्रतिष्ठित ”स्त्री शक्ति सम्मान” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और अन्य अतिथियों ने प्रदान किया।
सुगंधित फूलों से सजे झूले और मेंहदी रचाती माताओं-बहनों के बीच खचाखच भरे सभागृह में अयोध्या से आई प्रख्यात लोकगायिका संजोली पांडेय ने अपनी सुमधुर पेशकश के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार की आंचलिक शैली में श्रृंगार, विरह, भक्ति और मनुहार सहित विभिन्न स्वरूपों की एक से बढ़कर एक कजरियाॅं सुनाकर बड़ी संख्या में मौजूद दर्शकों की वाहवाही बटोरी और इस सुरम्य शाम को अविस्मरणीय बना दिया। विभिन्न कजरी प्रस्तुतियों का आनंद लेते हुए उपस्थित लोगों में अपने गाॅंवों की स्मृतियाॅं ताज़ा हो उठीं। संजोली पांडेय की प्रस्तुति से लोग थिरकने से स्वयं को रोक नहीं सके और झूला, गायन, मेंहदी के साथ नृत्य ने अनूठा समां बांध दिया।
मंच पर कजरी प्रस्तुति तथा सभागृह में मंत्रमुग्ध श्रोताओं के बीच की दूरी संगीत ने पूरी तरह मिटा दी और लगभग तीन घंटे तक अद्भुत संगीत सरिता निरंतर प्रवाहित होती रही।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार राजीव मिश्र, डॉ. अजीत राय, डॉ. रमेश यादव, डॉ. रोशनी किरण, रीमा राय सिंह और डॉ. वर्षा महेश सहित विभिन्न संस्कृति प्रेमी भी उपस्थित थे। इस महोत्सव में सावन का मनोरम माहौल बनाने के लिए मंच पर ही सुसज्जित झूले और मेहंदी लगाने की विशेष गतिविधियों का बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने जमकर आनंद लिया।
मशहूर लोक कवि सुरेश मिश्र द्वारा कजरी धुन पर सरस्वती वंदना, गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत की प्रस्तुति के साथ समारोह की शुरुआत हुई। अंत में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सह निदेशक और सचिव सचिन निम्बालकर ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। पूरे समारोह का बेहतरीन मंच संचालन महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की वरिष्ठ सदस्या श्रीमती प्रमिला शर्मा ने किया।