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Ahmedabad, Oct 18, इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट (आईएसओटी) का 34वां वार्षिक सम्मेलन शुक्रवार को अहमदाबाद में आयोजित हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री बी.आर. गवई, गुजरात हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सुनीता अग्रवाल तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहे।सम्मेलन के प्रारंभ में श्री गवई ने अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट (अंग प्रत्यारोपण) में लीगल सिस्टम और लीगल फ्रेमवर्क के रोल के विषय में बात की। उन्होंने अंगदान से जुड़े विभिन्न कानूनी पहलुओं का विस्तार से उल्लेख किया।
श्री गवई ने अंगदान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट के साथ जुड़े कानूनी पहलुओं और ऐतिहासिक घटनाओं, नैतिक मुद्दों, आपराधिक गतिविधियों तथा उसे रोकने के उपायों सहित कुछ गंभीर सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को लेकर गहराई से मार्गदर्शन दिया।
उन्होंने अंगदान के मामले में प्रचलित लैंगिक असमानता, देश में विदेशी नागरिकों को अंगदान तथा अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण की मौजूदा स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर श्री पटेल ने अंगदान के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वयं का अस्तित्व त्यागकर दूसरों के लिए उपयोगी होने की मानसिकता सराहनीय है। हमारी संस्कृति और धर्म में भी इसका उल्लेख मिलता है।
उन्होंने अंगदान के क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टरों की सराहना करते हुए कहा कि “जब किसी के स्वजन का निधन हो जाता है, ऐसे कठिन समय में अंगदान को लेकर उनके परिवार को तैयार करना काफी मुश्किल काम होता है, और ऐसा कार्य करने वाले डॉक्टरों की सेवा को मैं वंदन करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने अंग प्रत्यारोपण करने वाले डॉक्टरों की तुलना भगवान के साथ करते हुए कहा कि, जिस तरह भगवान किसी को जीवन देते हैं, ठीक उसी तरह डॉक्टर ट्रांसप्लांट के माध्यम से दूसरों को जीवन देते हैं। उन्होंने ‘अंगदान के माध्यम से जीवनदान’ को सर्वश्रेष्ठ दान बताया और अंगदान के क्षेत्र में और अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था और उसके आयोजन में सुधार किया जा सकता है। यदि हम सभी साथ मिलकर सेवा का यह काम करेंगे, तो निश्चित ही और अधिक सफलता मिलेगी।
गुजरात में अंगदान के क्षेत्र में राज्य सरकार की ओर से तमाम तरह के सहयोग का आश्वासन दिया और इस क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2005 में कैडेवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम शुरू किया था।
गुजरात हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सुनीता अग्रवाल ने अंगदान क्षेत्र में व्यापक लैंगिक असमानता, उनके कारण, अंगदान में महिलाओं की भूमिका, समाज में अंगदान में लैंगिक समानता के लिए जागरूकता की आवश्यकता जैसे विषयों का उल्लेख किया।
अंगदान के क्षेत्र में व्यापक लैंगिक असमानता के विषय में उन्होंने विभिन्न संदर्भों का जिक्र करते हुए कहा कि अंगदान के मामले में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक डोनर (अंगदाता) और कम रिसिपिएंट (अंग प्राप्तकर्ता) हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक सिस्टम, अन्य उपक्रमों तथा जागरूकता कार्यक्रमों की जरूरत है।
इस अवसर पर उपस्थित महानुभावों के करकमलों से रीनल पैथालॉजी एक्सप्रेस नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इसके साथ ही, अंगदाता और अंग प्राप्तकर्ता का उचित मिलान करने वाले आईएसओटी स्वैप सॉफ्टवेयर का भी अनावरण किया गया तथा अंगदान और अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों का सम्मान किया गया।
सम्मेलन में गुजरात हाई कोर्ट के न्यायमूर्तिगण, इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट के अध्यक्ष डॉ. अनीश श्रीवास्तव, सचिव डॉ. मनीष बलवाणी, ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. विवेक कूटे, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. जिगर श्रीमाली तथा संस्था के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में चिकित्सा जगत से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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