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हिम्मतनगर, 19 नवंबर, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर से अमूल टीम द्वारा चलाई जाने वाली 12 मारुति सुजुकी बायो सीएनजी कारों की रैली को हरी झंडी दिखाकर आज प्रस्थान करवाया।
श्री शाह ने आज  हिम्मतनगर के हाजीपुर में साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ – साबर डेयरी के नए अत्याधुनिक पशु आहार संयंत्र का उद्घाटन भी किया।
इस अवसर पर सहकारिता एवं उद्योग राज्य मंत्री जगदीशभाई विश्वकर्मा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री भीकू सिंहजी परमार, गुजरात राज्य सहकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बिपिनभाई पटेल, जीसीएमएमएफ (अमूल) के अध्यक्ष शामलभाई पटेल, जीसीएमएमएफ (अमूल) के एमडी डॉ. जयेन मेहता, एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह, सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के प्रबंध अधिकारी केनिचिरो तोयोफुकु और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
उन्होंने 15000 किसानों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ” डेयरी सहकारी आंदोलन की वजह से ही आज किसान सम्मान के साथ जी रहे हैं। सहकारी डेयरी महिला सशक्तिकरण का सबसे सफल मॉडल साबित हुई है, जिसके कारण साबरकांठा क्षेत्र और पूरे गुजरात राज्य में पोषण और समृद्धि आई है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गोबर धन योजना के बारे मे बताते  हुए कहा कि इसका उद्देश्य गोबर की रीसायकलिंग,  पर्यावरण संरक्षण और मृदा कार्बन को कम करना है । इसे लागू करने में सहकारी समितियों के प्रयासों की  सराहना भी की।
भारत हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाता है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल से प्रेरित डेयरी सहकारी आंदोलन से प्रेरणा लेकर 1946 में अमूल का गठन हुआ, जिसे पूरे देश में अपनाया गया। इसके कारण ही भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया। अमूल आज दुनिया की सबसे बड़ी किसानो के स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था और दुनिया की सबसे शक्तिशाली फूड और डेयरी ब्रांड है। इस अवसर पर भारत के चार कोनों पुणे, कोलकाता, जम्मू और गुजरात के हिम्मतनगर से  मेगा कार और बाइक रैलियों का आयोजन करके जश्न मनाया जा रहा है। इस रैली का समापन 26 नवंबर को भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह में दिल्ली में  होगा।
अमूल टीम द्वारा चलाई जाने वाली 24 मारुति सुजुकी बायो सीएनजी कारों और 24 बजाज बायो सीएनजी बाइकों की चार अलग-अलग रैलियां विभिन्न राज्यों से होकर गुजरेंगी। डेयरी सहकारी समितियों की विरासत का सम्मान और जश्न मनाने तथा सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों और स्थिरता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मार्ग में किसानों, डेयरी सहकारी समितियों और संस्थानों से जुड़ेंगी।
गुजरात की बनास डेयरी में अपने बायोसीएनजी पायलट प्रोजेक्ट के साथ, अमूल अब सर्कुलर अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने में एक प्रमुख प्लेयर बनने का प्रयास कर रहा है। यह पहल न केवल किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करती है, बल्कि स्वच्छ ईंधन और जैविक उर्वरक भी प्रदान करती है। गोबर के प्रोसेसिंग के लिए राज्य भर में कई संयंत्र स्थापित करके  कृषि और ऊर्जा दोनों क्षेत्रों पर इस परियोजना के सकारात्मक और स्थायी प्रभाव को दर्शाता है।
यह गोबर को बायोगैस में बदलने की नई क्रांति के माध्यम से डेयरी गतिविधि को अधिक पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ बनाने के उपरांत किसानों की आय का एक नया स्रोत बनाने का एक प्रयास है।
सुजुकी अमूल से संबद्ध डेयरी के साथ साझेदारी में गुजरात में 6 बायो-सीएनजी संयंत्रों को शुरू करने की तैयारी कर रही है और इस पहल को और आगे बढ़ाने की योजना बना रही है।
जीसीएमएमएफ (एएमयूएल) और साबरकांठा मिल्क यूनियन के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने कहा, “अमूल की स्वच्छ ईंधन रैली ने स्थिरता और आत्मनिर्भरता का संदेश दिया है। अमूल स्वच्छ ईंधन रैली हमारे डेयरी उद्योग के लिए एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह भी बहुत सम्मान की बात है कि भारत अपने 130 साल के इतिहास में पहली बार 25 नवंबर से 30 नवंबर  को नई दिल्ली में इन्टरनेशनल को-ओपेरेटिव एलायन्स (आईसीए) के वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर अमूल की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म “मंथन” की एक विशेष स्क्रीनिंग 26 नवम्बर को भारत मंडपम में आईसीए के ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में सभी डेलीगेट्स के लिए आयोजित की जाएगी I

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