Spread the love

New Delhi, Jan 21, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस वर्ष बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना की 10वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है, जो भारत में बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए किए गए अथक प्रयासों के एक दशक का प्रतीक है। यह मील का पत्थर भारत के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण और महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर वैश्विक बदलाव के अनुरूप है , जिसे भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान प्राथमिकता दी गई थी और अब ब्राजील की जी20 की अध्यक्षता ने इसे अपनाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि उद्घाटन समारोह कल (22 जनवरी 2025) नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा । इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर भी शामिल होंगी।

इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी भाग लेंगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालयों की उप सचिव और उससे ऊपर के स्तर की महिला अधिकारी भी विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके अलावा छात्राओं (माई भारत स्वयंसेवक), आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक/कार्यकर्ता और राज्य और जिले के प्रतिनिधियों को भी इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र महिला संगठन, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), विश्व बैंक और जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जीआईजेड) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।

इस 10वीं वर्षगांठ का जश्न 22 जनवरी 2025  से 8 मार्च  2025 तक चलेगा, जिसका समापन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्घाटन समारोह में शपथ ग्रहण समारोह और सर्वोत्तम प्रथाओं के संग्रह का शुभारंभ शामिल होगा। इस कार्यक्रम में मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति पोर्टल का भी शुभारंभ किया जाएगा।

इसी प्रकार के कार्यक्रम राज्य और जिला स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे तथा 22 जनवरी, 26 जनवरी और 8 मार्च को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह और संकल्प की गतिविधियां शामिल हैं। महिला सशक्तिकरण केंद्र के तहत अभियान शामिल होंगे, जिसमें स्कूली छात्राएं, सफल महिलाएं और सामुदायिक समूह सहित विविध हितधारकों को शामिल किया जाएगा।

पूरे उत्सव के दौरान प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में अभियान चलाकर योजना के संदेश को प्रचारित किया जाएगा। इसमें वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत में भारत में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात की चिंताजनक स्थितियों के जवाब में शुरू किया गया था, जो अपने नीतिगत पहल से राष्ट्रीय आंदोलन में बदल गया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ने लैंगिक भेदभाव को दूर करने और बालिकाओं के महत्व को समझने तथा उनके अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने की दिशा में सांस्कृतिक बदलाव को बढ़ावा देने के लिए सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसायटी, मीडिया और जनता को संगठित किया है। जिसकी प्रमुख उपलब्धियों में जन्म के समय राष्ट्रीय लिंग अनुपात (एसआरबी) जो 2014-15 में 918 था, वह 2023-24 में सुधर कर 930 हो गया। माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 2014-15 में 75.51 प्रतिशत था, जो 2023-24 में सुधर कर 78 प्रतिशत हो गया। संस्थागत प्रसव 61 प्रतिशत से बढ़कर 97.3 प्रतिशत  तक पहुंचा और पहली तिमाही में प्रसवपूर्व देखभाल पंजीकरण 61 प्रतिशत से बढ़कर 80.5 प्रतिशत तक पहुंचा, जो उल्लेखनीय सुधार में शामिल है।

पिछले कुछ वर्षों में बीबीबीपी ने महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने वाले यशस्विनी बाइक अभियान, कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव , जिसके तहत स्कूल न जाने वाली 100,000 से अधिक लड़कियों का फिर से नामांकन हुआ तथा डोरी टीवी शो के साथ सहयोग करके बालिकाओं को छोड़े जाने के बारे में जागरुकता बढ़ाने जैसी प्रभावशाली पहल की है। अन्य उल्लेखनीय कार्यक्रमों में कौशल पर राष्ट्रीय सम्मेलन: बेटियां बनें कुशल , शामिल है, जिसमें कार्यबल भागीदारी पर जोर दिया गया।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय साझेदार मंत्रालयों के साथ मिलकर लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने और बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। बीबीबीपी का यह 10 साल का सफर एक विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। जहां महिलाएं न केवल लाभार्थी हैं, बल्कि परिवर्तन की नेतृत्वकर्ता हैं, जो सभी बालिकाओं के लिए एक उज्ज्वल, अधिक समावेशी भविष्य को आकार दे रही हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि बीबीबीपी योजना पूरे देश में सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करती रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *