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New Delhi, Apr 07, “ट्राई का नाम लेकर धोखाधड़ी करने वालों से सावधान रहें”।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि धोखेबाज लोग खुद को टीआरएआई अधिकारी बताकर उपभोक्ताओं को टेलीफोन कॉल या संदेश के माध्यम से अपना शिकार बना रहे हैं। वे उपभोक्ताओं को अवैध गतिविधियों में शामिल होने तथा पैसे ऐंठने के लिए मोबाइल कनेक्शन काटने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में सूचित किया जाता है कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) संदेशों या अन्य माध्यमों से मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने के बारे में ग्राहकों से बातचीत शुरू नहीं करता है। उल्लेखनीय है कि टीआरएआई ऐसे उद्देश्यों के लिए ग्राहकों से संपर्क करने के लिए किसी तीसरे पक्ष की एजेंसी को भी नियुक्त नहीं करता। इसलिए टीआरएआई से होने का दावा करने वाले और मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, मैसेज या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए और इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।
बिलिंग, केवाईसी या किसी भी तरह के दुरुपयोग के कारण किसी भी मोबाइल नंबर का डिस्कनेक्शन संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा किया जाता है। लोगों को सतर्क रहने और संदिग्ध धोखेबाजों के झांसे में आने से घबराने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें संबंधित टीएसपी के अधिकृत कॉल सेंटर या ग्राहक सेवा केंद्रों से संपर्क करके ऐसे कॉलों की पुष्टि करने की भी सलाह दी जाती है।
साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लोगों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर चक्षु सुविधा के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर एक्सेस किया जा सकता है। साइबर अपराध होने के मामलों के लिए पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।

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