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गांधीनगर 20 अक्टूबर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सप्तरंग फिल्म सोसाइटी द्वारा रविवार को अहमदाबाद में आयोजित शॉर्टफेस्ट अवॉर्ड वितरण समारोह में गुजराती फिल्म निर्माताओं तथा कलाकारों का आह्वान किया कि वे गुजरात की भव्य संस्कृति एवं विरासत को विश्व के समक्ष उजागर करने वाली फिल्मों का निर्माण करें।
श्री पटेल ने कहा कि गुजरात कथा, कला व संस्कृति भूमि है तथा फिल्में लोक संस्कृति को जीवंत रखने का कार्य करती हैं। ऐसे में इस प्रकार के आयोजन विभिन्न संस्कृतियों के समन्वय में सेतुरूपी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अहमदाबाद में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर विश्वविद्यालय में आयोजित इस समारोह में उपस्थित रह कर शॉर्ट फिल्म की विभिन्न श्रेणियों में विजेता प्रतिभाशाली कलाकारों को पुरस्कृत कर उन्हें अभिनंदन दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल से प्रारंभ किए गए प्रयासों के फलस्वरूप आज गुजरात का फिल्म उद्योग निरंतर विकास कर रहा है।
श्री पटेल ने जोड़ा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात विकसित राज्य बनने की दिशा में अग्रसर होने के साथ समग्र देश में विकास का रोल मॉडल बना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2001 में श्री मोदी द्वारा गुजरात की शासन धुरा संभालने जाने के बाद गुजरात ने निरंतर विकास के नए मील के पत्थर स्थापित किए हैं, जिसके 23 वर्ष हम सभी मना रहे हैं। आज ‘विकसित यानी गुजरात’ और ‘गुजरात यानी विकसित’ ये दोनों शब्द एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने विशिष्ट दृष्टिकोण से कच्छ में भूकंप के बाद पुनर्वास तथा नर्मदा नीर को कच्छ के सूखे रण क्षेत्र तक पहुँचाने एवं विभिन्न विकास कार्य किए हैं, जिनके जरिये कच्छ की कायापलट हुई है और आज कच्छ विश्व पर्यटन का केन्द्र बन गया है। इसी प्रकार वाइब्रेंट समिट जैसे आयोजनों से गुजरात बेस्ट चॉइस फॉर इन्वेस्टमेंट बना है तथा अब ग्रीन एनर्जी एवं सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर अग्रसर है।
श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘विकास भी, विरासत भी’ मंत्र दिया है। ऐसे में लोक संस्कृति को जीवंत रखने का कार्य फिल्में करती हैं। गुजरात कथा, कला व संस्कृति की भूमि है। उन्होंने कहा कि गुजराती फिल्मों की सहायक बनने के लिए राज्य सरकार ने श्रेष्ठ फिल्म प्रोत्साहक नीति का निर्माण किया है और राज्य सरकार गुजराती फिल्म उद्योग की सहायक बनने के लिए भी सदैव तैयार है।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति का निरूपण करने वाली तथा लोकभोग्य एवं पारिवारिक फिल्मों के निर्माण पर बल देते हुए कहा कि आज जब पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव एवं अनुकरण वाले कंटेंट से युक्त फिल्मों के प्रभाव तथा प्रवृत्तियाँ बढ़ रहे हैं, तब यह आवश्यक है कि अच्छा और सच्चा कंटेंट दर्शाने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली अधिक से अधिक फिल्में बनें। फिल्में समाज का दर्पण हैं। ऐसे में अच्छी फिल्मों के प्रदर्शन का अच्छा प्रभाव भी समाज पर निश्चित रूप से पड़ेगा। इस दृष्टि से उन्होंने शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल को राइट जॉब एट राइट टाइम बताया।
उन्होंने गुजराती फिल्म उद्योग के सभी उपस्थित अग्रणियों का आह्वान किया कि वे वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने तथा हमारी भव्य संस्कृति एवं विरासत को विश्व के समक्ष उजागर करने वाली फिल्मों का निर्माण करते रहें।
उल्लेखनीय है कि गुजरात पर्यटन विभाग, विश्व संवाद केन्द्र व भारतीय चित्र साधना के संयुक्त उपक्रम से शॉर्ट फिल्म का निर्माण करने वाले प्रतिभाशाली सृजकों को मंच एवं प्रोत्साहन देने के उद्देश्य के साथ इस दो दिवसीय सप्तरंग शॉर्टफेस्ट का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न विषयों पर निर्मित कुल 277 लघु फिल्मों की प्रविष्टि पंजीकृत हुई थी, जिनमें से 37 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई तथा दो मास्टर क्लास का आयोजन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में सप्तरंग फिल्म सोसाइटी के अध्यक्ष वंदन शाह, विख्यात कलाकार तथा फिल्म निर्माता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी, बाबा साहब अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति अमीबेन उपाध्याय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचार प्रमुख विजय ठाकर सहित जाने-माने फिल्म निर्माता, कलाकार तथा बड़ी संख्या में फिल्म प्रशंसक उपस्थित रहे।

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