Spread the love

~केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से सब्सिडी वितरित की
~प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की दिशा में मजबूत कदम- केवीआईसी अध्यक्ष
New Delhi, Jun 05, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत मंगलवार को वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर देश भर के 8794 लाभार्थियों को 300 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरित की।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि यह संवितरण लगभग 884 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के एवज में किया गया। यह कार्यक्रम केवीआईसी केंद्रीय कार्यालय, इरला रोड, विले पार्ले (पश्चिम), मुंबई में आयोजित किया गया, जिसमें केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने लाभार्थियों को वर्चुअल माध्यम से सब्सिडी जारी की। इस अवसर पर केवीआईसी की सीईओ सुश्री रूप राशि सहित केंद्रीय कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पीएमईजीपी योजना ने वर्तमान में देश में स्वरोजगार का एक मजबूत एवं प्रभावी आधार तैयार किया है। खादी और ग्रामोद्योग आज केवल एक उत्पाद नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का सार है। इस योजना ने न केवल लाखों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है, बल्कि उन्हें उद्यमिता से भी जोड़ा है।
इस संवितरण कार्यक्रम में केवीआईसी के सभी छह जोन ने प्रमुखता से भाग लिया। दक्षिण जोन के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी के लिए कुल 2445 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं, जिनके लिए 80.26 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई। मध्य जोन में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की 2366 परियोजनाओं के लिए 91.13 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई । पूर्वी जोन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार तथा पूर्वोत्तर में असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के लिए कुल 2167 परियोजनाओं को 62.68 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई । उत्तरी जोन में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब और राजस्थान की 1320 परियोजनाओं के लिए 41.80 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई । इस तरह यह देशभर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को सशक्त बनाने का एक व्यापक और प्रभावी अभियान साबित हुआ।
अपनी शुरुआत से लेकर वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ग्रामीण और शहरी भारत में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता का एक स्तंभ बन गया है। इस योजना के तहत अब तक कुल 10,18,185 सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं, जिसके लिए भारत सरकार ने 73,348.39 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है। बदले में लाभार्थियों को 27,166.07 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है। अब तक देश भर में 90,04,541 से अधिक लोगों को इस योजना के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है , जो इसे देश की सबसे प्रभावी स्वरोजगार योजनाओं में से एक बनाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *