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New Delhi, Feb 07, विश्व पुस्तक मेले में आईएसएलआरटीसी और एनबीटी के बीच एनबीटी पुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा में उपलब्ध कराने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि विश्व पुस्तक मेला 2025 के दौरान एनबीटी मंडप में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) और राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट (एनबीटी) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के माध्यम से बधिर बच्चों के लिए 500 एनबीटी कहानी पुस्तकों, सामान्य पठन सामग्री और अन्य रोचक पुस्तकों को सुलभ स्वरूप में परिवर्तित करना है।
समझौता ज्ञापन पर आईएसएलआरटीसी के निदेशक कुमार राजू और एनबीटी के निदेशक युवराज मलिक ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव राजीव शर्मा और एनबीटी के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री राजीव शर्मा और प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने इस बात पर जोर दिया कि यह आईएसएलआरटीसी और एनबीटी का एक बेहतरीन संयुक्त प्रयास है, इसका महत्तव शिक्षा में सुलभता और समावेशिता विकसित करने मे है।
आईएसएलआरटीसी के निदेशक और एनबीटी के निदेशक ने भी श्रोताओं को संबोधित किया और देश भर में बधिर बच्चों के लिए पढ़ने का साहित्य उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यह सहयोग यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि बधिर बच्चों को उनके पसंदीदा संचार माध्यम में गुणवत्तापूर्ण पठन सामग्री पहुँच सके।
सहमति पत्र पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान, सुलभ समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने में मील का पत्थर है। इस कार्यक्रम में आईएसएलआरटीसी और एनबीटी के अधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने इस पहल के प्रति अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाई।

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