Spread the love

Gandhinagar, Sep 16, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने Gujarat के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर से सोमवार को चौथी ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्ट (RE-INVEST) मीट तथा एक्सपो का शुभारंभ कराया और इसे ऊर्जा के भविष्य, प्रौद्योगिकी तथा नीति निर्माण का चिंतन पर्व बताते हुए निवेशकों को भारत के रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
श्री मोदी ने कहा कि एक-दूसरे के अनुभव पर आधारित विचार-मंथन वैश्विक मानवता के कल्याण के लिए लाभदायी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि देश में 60 वर्षों के बाद जनता ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सत्ता की बागडोर सौंपी है। यही दर्शाता है कि 140 करोड़ देशवासियों को सरकार पर भरोसा है। केन्द्र सरकार के पिछले 10 वर्षों के सुशासन में देश के युवाओं-महिलाओं की आकांक्षाओं को जो पंख मिले हैं, उन्हें इस तीसरी टर्म से नई दिशा की उड़ान के लिए प्रेरक बल मिलेगा। देश के गरीबों, दलितों, शोषितों, पीड़ितों व वंचितों को भरोसा है कि तीसरी टर्म उनके गरिमापूर्ण जीवन की नींव बनेगी।
उन्होंने कहा कि विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक सत्ता बनने की ओर अग्रसर होने के लिए आज जब समग्र देश संकल्पबद्ध होकर काम कर रहा है, तब आज की इवेंट वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण की संकल्प सिद्धि की ओर प्रयाण का दृढ़ संकल्प है, जो सरकार की तीसरी टर्म के प्रथम 100 दिनों के कार्यकाल में प्रतिबिंबित होता है, जिसमें देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण सभी सेक्टर्स व फैक्टर्स को प्राथमिकता दी गई है। यह मात्र ट्रेलर समान है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि केन्द्र सरकार देश के प्रत्येक परिवार को उनका अपना घर मुहैया कराने के लिए दढ़ संकल्पित है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ने 7 करोड़ आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें से गत 10 वर्षों के दौरान 4 करोड़ आवासों का निर्माण किया गया है, जबकि इस तीसरी टर्म में और साढ़े तीन करोड़ आवासों का निर्माण किया जाने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रथम 100 दिनों में 12 नई इंडस्ट्रियल सिटी, 8 हाईस्पीड रोड कॉरिडोर, 15 से अधिक सेमी हाईस्पीड मेड इन इंडिया वंदे भारत ट्रेन लॉन्च किए गए हैं। इसके अतिरिक्त; हाई परफॉर्मेंस बायोमैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देने के लिए एक ट्रिलियन रुपए का रिसर्च फंड आवंटित किया गया है तथा ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में ऑफशोर विंड की योजना के तहत 7,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि 31 हजार मेगावाट हाईड्रोपावर जनरेशन के लिए 12,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। उन्होंने देश की डाइवर्सिटी, कैपेसिटी, स्केल, पोटेंशियल, परफॉर्मेंस – इन सभी बिंदुओं को यूनिक बताया। उन्होंने इंडिया सॉल्यूशन फॉर ग्लोबल एप्लीकेशन का मंत्र देते हुए कहा कि दुनिया इस बात को भली-भाँति समझती है। आज भारत में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट, ग्लोबल सेमीकंडक्टर समिट, सोलर फेस्टिवल, सिविल एविएशन मीट जैसे वैश्विक आयोजन हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने गौरव व्यक्त करते हुए कहा कि इसी गुजरात की यह धरती श्वेत क्रांति, मधु क्रांति के बाद सौर क्रांति की भी प्रणेता बनी है। गुजरात ने ही देश में सबसे पहले सोलर पावर पॉलिसी बनाने एवं क्लाइमेट चेंज विभाग शुरू करने की पहल की है। यह महात्मा गांधी की भूमि है, जिन्होंने वर्षों पहले मिनिमम कार्बन फुट प्रिंट से युक्त जीवन का उदाहरण देकर समग्र विश्व का ध्यान पर्यावरण संरक्षण की ओर उस समय खींचा था, जब दुनिया में क्लाइमेट चेंज की कोई चर्चा भी नहीं करता था।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘ग्रीन फ्यूचर, नेट जीरो’ शब्द भारत के लिए कोई फैंसी वर्ड्स नहीं हैं, बल्कि ये भारत की आवश्यकता हैं, कमिटमेंट हैं, जो दर्शाता है कि भारत समग्र मानव जाति की चिंता करता है और भारत ने समग्र विश्व को राह दिखाते हुए जिम्मेदारी के साथ अनेक कदम भी उठाए हैं, जिसके माध्यम से आगामी सैकड़ों वर्षों की नींव तैयार की जा रही है। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि भारत शिखर पर पहुँचने के लिए ही नहीं, बल्कि शिखर पर लगातार बने रहने के लिए भी पुरुषार्थ कर रहा है। हमें मालूम है कि हमारे पास तेल-गैस के भंडार नहीं हैं। इसीलिए हमने सोलर, विंड, न्यूक्लियर तथा हाइड्रोपावर पर ध्यान केन्द्रित कर उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का संकल्प किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जी-20 समूह में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जिसने पेरिस के क्लाइमेट कमिटमेंट को निर्धारित समय से नौ वर्ष पहले ही पूरा कर ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो विकसित देश भी न कर सके।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 2030 तक भारत की रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी 500 गीगावाट तक पहुँचाने के लिए ग्रीन ट्रांजिशन को जन अभियान बनाया गया है। सोलर रूफटॉप की ‘पीएम सूर्य घर’ एक यूनिक योजना है, जो ग्रीन ट्रांजिशन को पूर्ण करने का महत्वपूर्ण माध्यम सिद्ध होगी। पीएम सूर्य घर योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ परिवारों के आर्थिक बोझ को घटाएगी और हर घर को पावर प्रोड्यूसर बनाएगी। अब तक इस योजना अंतर्गत 1.30 करोड़ परिवारों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से लगभग सवा तीन लाख घरों में सोलर रूफटॉप पैनल का इन्स्टॉलेशन पूरा किया गया है।
उन्होंने जोड़ा कि एक छोटा परिवार महीने में लगभग 250 यूनिट बिजली का उपभोग करता है, लेकिन सोलर रूफटॉप इन्स्टॉलेशन के बाद यही परिवार उत्पादित बिजली में से 100 यूनिट बिजली पावर ग्रिड को देकर वार्षिक लगभग 25,000 रुपए की बचत करता है। बचत के इन 25,000 रुपयों को यदि वह पीपीएफ अकाउंट में जमा कराए, तो 20 वर्ष के बाद यह राशि लगभग 10 से 12 लाख रुपए होगी, जो एक साधारण परिवार के बच्चों की पढ़ाई और शादी जैसे अवसरों पर सहायक होगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पीएम सूर्य घर योजना केवल बिजली उत्पादन ही नहीं, अपितु पर्यावरण के जतन एवं रोजगार सृजन का विशेष माध्यम बनेगी। इस योजना से लगभग 20 लाख रोजगार का सृजन होगा। इस योजना अंतर्गत देश के 3 लाख युवाओं को कौशल्यवान बनाया जाएगा और साथ ही प्रति परिवार 3 किलोवाट बिजली पैदा करने से 50 से 60 टन कार्बन डाइऑक्साइड का एमिशन घटेगा। इस प्रकार पीएम सूर्य घर योजना से जुड़ने वाला प्रत्येक परिवार क्लाइमेट चेंज का मुकाबला करने में भी बड़ा योगदान देगा। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी के इतिहास में भारत की सोलर क्रांति सुनहरे अक्षरों से लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि गुजरात के मोढेरा गाँव में प्राचीन सूर्य मंदिर है। यह गाँव आज भारत के प्रथम ‘सोलर विलेज’ के रूप में प्रस्थापित हुआ है। मोढेरा की सभी विद्युत आवश्यकताएँ सोलर बिजली से ही पूर्ण हो रही हैं। आगामी समय में भारत के ऐसे अनेक गाँवों को सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसी प्रकार सूर्यवंशी भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या को भी देश की सर्वप्रथम सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या में स्ट्रीटलाइट से लेकर घरों तक की सभी बिजली जरूरतें सोलर एनर्जी से ही पूरी की जाएंगी। आगामी समय में भारत के 17 शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही, देश के किसानों को भी सोलर पावर जनरेशन के लिए सोलर वॉटर पंप दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के आगामी समय में ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने की ओर आगे बढ़ रहे होने का उल्लेख करते हुए जोड़ा कि ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र को रफ्तार देने के लिए भारत ने 20,000 करोड़ रुपए का ‘ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ लागू किया है। साथ ही, भारत में रियूज तथा रिसाइकल के साथ जुड़ी हुई श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, पर्यावरण जतन के लिए भारत ने ‘मिशन लाइफ’ का विजन दिया है। उन्होंने भारत की विशेष पहलों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने ‘इंटरनेशनल सोलर अलायंस’ की पहल करके कई देशों को इस क्षेत्र में जोड़ने का सराहनीय कार्य किया है। जी-20 समिट के दौरान भारत ने ग्लोबल बायोफ्यूल अलांयस भी लॉन्च किया था। आगामी दशक के अंत तक भारतीय रेलवे को भी नेट जीरो बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, वर्ष 2025 तक पेट्रोल में भी 20 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत के नागरिकों ने हजारों गाँवों में अमृत सरोवरों का निर्माण किया है और अपनी माता के नाम से एक पेड़ लगा कर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को भी गति दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब देश में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग निरंतर बढ़ रही है, तब वर्तमान एवं आगामी पीढ़ी के कल्याणार्थ बिजली की जरूरत को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार ने अनेक नई पहलें व नीतियाँ तैयार की हैं। इसीलिए रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश तथा इनोवेशन के लिए भारत श्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने सभी निवेशकों को भारत के रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *