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New Delhi, Seo 05, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज शिक्षक दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित किये गये समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये।
श्रीमती द्रौपदी मुर्मु इस अवसर पर ने कहा कि शिक्षकों को ऐसे नागरिक तैयार करने होंगे जो न केवल शिक्षित हों बल्कि संवेदनशील, ईमानदार और उद्यमशील भी हों।राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी शिक्षा प्रणाली की सफलता में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी समाज में महिलाओं की स्थिति उसके विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों और अभिभावकों की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनुसार यदि कोई शिक्षक स्वयं निरंतर ज्ञान अर्जित नहीं करता है तो वह सही अर्थों में पढ़ा नहीं सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शिक्षक ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनका शिक्षण अधिक प्रासंगिक एवं रोचक बना रहेगा।
भारत मे 05 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है। प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक दिया जाता है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 50 शिक्षकों का चयन किया है।चयनित 50 शिक्षक 28 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और 6 संगठनों से हैं। चयनित 50 शिक्षकों में से 34 पुरुष, 16 महिलाएं, 2 दिव्यांग और 1 सीडब्ल्यूएसएन के साथ कार्यरत हैं। इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग के 16 शिक्षकों और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 16 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।चयनित 16 शिक्षक पॉलिटेक्निक, राज्य विश्वविद्यालयों और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों से हैं। किसी भी शिक्षा प्रणाली की सफलता में शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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